नई दिल्ली. हमारी फिल्मों का ऑस्कर मिल रहा है, ज्यादा फिल्में कान्स में जा रही हैं. आप इसे कैसे देखते हैं. पूछने पर सिद्धांत बताते हैं,” मुझे लगता है कि पूरी दुनिया का ही फोकस अब इंडिया पर आ रहा है. जो पहले पॉपुलेशन हमारी प्रॉब्लम थी वो अब हमारी स्ट्रेन्थ बन गई है. पहले हम सिर्फ अपने इतिहास के लिए जाने जाते थे. लेकिन अब हमारे सेलेब्स दुनिया भर में जाने जाते हैं. तो मुझे लगता है कि अब इंडिया का टाइम आ गया है. अब हमारी फिल्में भी कई फेस्टिवल में जाने लगी है. इससे अच्छा और हमारे लिए क्या हो सकता है. हम सब भी इसके लिए काफी खुश हैं.
बीते साल कई फिल्में फ्लॉप हुईं. आज हमारे देश में फिल्ममेकर इस सवाल से जूझ रहे हैं कि आखिर ऑडियंस को कुछ पसंद क्यों नही आ रहा, फिल्में क्यों फ्लॉप हो रही हैं. आपको क्या लगता है पूछने पर निर्देशक बताते हैं,’ देखिए दो-तीन सालों से कोई फिल्म कांस में नहीं गई. लेकिन इस बार हमारी दो फिल्में कान्स में गई है. तो कुछ तो बदलाव आ रहा है, वैसे जो फिल्में कान्स में जाती हैं वो फूली एंटरटेनर फिल्में नहीं होती है, ये ऐसी फिल्में होती हैं जो एजुकेटेड ऑडियंस के लिए होती हैं. जब मैं फिल्म स्कूल गया तो पहली चीज ये सिखाई गई थी कि फिल्में बजट से फेल नहीं होती हैं. लेकिन अब क्या हो गया है कि फिल्में बजट नहीं निकाल पा रही हैं तो उन्हें फ्लॉप माना जाता है. लेकिन ये सब चेंज होगा. वैसे ऑडियंस और मेकर्स का रिश्ता एक-दूसरे पर निर्भर होता है. अब ऑडियंस फिल्ममेकर को सीखा रही हैं कि उन्हें कैसी फिल्में चाहिए. अगर वैसे नहीं हो पाता तो फिल्में फ्लॉप हो जाती हैं. आज भी आर्ट सिनेमा को सक्सेस मिल रही है.
राहुल रॉय इस फिल्म से कमबैक कर रहे हैं. आपको क्या लगता है कि फिल्म में उन्हें कास्ट करने की क्या वजह है. इस सवाल के जवाब में सिद्धार्थ बताते हैं,’ आगरा जैसी फिल्में बड़ी ऑडियंस के लिए बनाई जाती हैं. इस तरह की फिल्मों में सबकी भागीदारी होती है. हमने कास्ट के लिए अनु को पूरी आजादी दी थी. वैसे इस फिल्म में ज्यादातर नए लोग हैं सिर्फ राहुल रॉय हैं जो मंझे हुए आर्टिस्ट हैं. मेरी नजर में शायद इसलिए लिए गए हो क्योंकि ये फिल्म पितृसत्ता पर आधारित है, तो इसके लिए किसी ऐसे शख्स को लेना जरूरी होगा जो पहले से ही काफी पॉपुलर हो. जिससे ऑडियंस उस किरदार की अहमियत को समझ सके. मेरे ख्याल राहुल को कास्ट करने की एक ये वजह भी हो सकती है.

Siddharth Anand Kumar
आपकी फिल्म ‘आगरा’ सेक्शुयल डायनेमिक्स पर आधारित है. क्या इस तरह की फिल्में बनाना बाकी फिल्मों के मुकाबले ज्यादा चैलेंजिंग होता है. निर्देशक बताते हैं, ‘ हमारी एक टीम है इसके लिए जो भी स्क्रिप्ट हमारे पास आती है उस पर अच्छे से रिसर्च किया जाता है. लेकिन ये फिल्म हमारे सिस्टम में बड़ी अच्छी रेट हुई. हमारे सीनियर्स को भी स्क्रिप्ट काफी पसंद आई. तो ये फिल्म सिर्फ सेक्शुयल डायनेमिक्स पर आधारित नहीं है, बल्कि एक फैमिली में क्या आपसी परेशानियां हो सकती हैं. साथ रहते हुए कितने चैलेंजेज फेस करने पड़ जाते हैं वो सब दिखाया गया है.
अक्सर जिन फिल्मों में मैसेज छिपा होता है वह दर्शकों के दिल में घर करने में कामयाब होती हैं. क्या आपकी फिल्म में ऐसा कोई मैसेज है जो ऑडियंस इससे रिलेट कर पाएगी. सिद्धार्थ बताते हैं, ‘ देखिए मेरा मानना है कि हर फिल्म में, हर बुक में हर चुटकुले में एक मैसेज होता है. अब दो टाइम के मैसेज होते हैं. कमर्शियल सिनेमा के मैसेज बहुत क्लीयर होते हैं,जिसमें कोई दोराहे नहीं होते. लेकिन जब हम सोफिस्टिकेटेड फिल्में बनाते हैं, तो मैसेज जरूरी नहीं सबके लिए एक ही हो. हो सकता है मेरे लिए वो मैसेज अलग हो और आपके लिए अलग. इस फिल्म में भी कई अलग-अलग ऐसे मैसेज हैं जिनसे लोग जरूर रिलेट कर पाएंगे.
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FIRST PUBLISHED : May 17, 2023, 18:40 IST